पानी की समस्या से निपटने के लिए एक सुझाव ......plz plz jaldi bta do koi help kar do
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सीबीएसई से जुडे़ स्कूलों में जल संरक्षण को लेकर एक दिशानिर्देश जारी किया गया है। इसमें स्कूलों से कहा गया है कि वे अपने यहां के पुराने उपकरणों और मशीनों में बदलाव लाएं, ताकि पानी की बचत ज्यादा से ज्यादा की जा सके। इसमें कहा गया है कि स्वचालित और सेंसर युक्त टैप और दोहरे फ्लश वाले टैंक लगाएं जाएं।
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पूरा विश्व आज जल संकट के प्रबंधन में प्राकृतिक और स्थानीय समाधान पर जोर दे रहा है. शायद लोगों को अब ये बात समझ आयी गयी है कि प्रकृति से वैमनस्यता कर मानव जीवन ज्यादा समय तक इस धरती पर बचा नहीं रह सकता.जल के संकट से निपटने के लिये कुछ महत्त्वपूर्ण सुझाव यहाँ बिन्दुवार दिये जा रहे हैं-
1. प्रत्येक फसल के लिये ईष्टतम जल की आवश्यकता का निर्धारण किया जाना चाहिए तद्नुसार सिंचाई की योजना बनानी चाहिए। सिंचाई कार्यों के लिये स्प्रिंकलर और ड्रिप सिंचाई जैसे पानी की कम खपत वाली प्रौद्योगिकियों को प्रोत्साहित करना चाहिए। कृषि में औसत व द्वितीयक गुणवत्ता वाले पानी के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाना चाहिए, विशेष रूप से पानी के अभाव वाले क्षेत्रों में।
2. विभिन्न फसलों के लिये पानी की कम खपत वाले तथा अधिक पैदावार वाले बीजों के लिये अनुसंधान को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
3. जहाँ तक सम्भव हो ऐसे खाद्य उत्पादों का प्रयोग करना चाहिए जिसमें पानी का कम प्रयोग होता है। खाद्य पदार्थों की अनावश्यक बर्बादी में कमी लाना भी आवश्यक है। विश्व में उत्पादित होने वाला लगभग 30 प्रतिशत खाना खाया नहीं जाता है और यह बेकार हो जाता है। इस प्रकार इसके उत्पादन में प्रयुक्त हुआ पानी भी व्यर्थ चला जाता है।
4. जल संकट से निपटने के लिये हमें वर्षाजल भण्डारण पर विशेष ध्यान देना होगा। वाष्पन या प्रवाह द्वारा जल खत्म होने से पूर्व सतह या उपसतह पर इसका संग्रह करने की तकनीक को वर्षाजल भण्डारण कहते हैं। आवश्यकता इस बात की है कि तकनीक को न सिर्फ अधिकाधिक विकसित किया जाय बल्कि ज्यादा से ज्यादा अपनाया भी जाय।