पानी प्रबंधन को लेकर पहले के लोग आज के इंजीनियरों से अच्छे थे कैसे?
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Explanation:
सिविल इंजीनियरी, व्यावसायिक इंजीनियरिंग की एक शाखा है जो कि भौतिक और प्राकृतिक रूप से बने परिवेश में पुल[1][1], सड़क,[1]नहरें[1], बाँध और भवनों आदि के डिजाइन, निर्माण और रखरखाव से जुड़ी है।[1][2]सिविल इंजीनियरिंग, सैन्य अभियान्त्रिकी के बाद आने वाली इंजीनियरिंग की सबसे पुरानी शाखा है। [3] इसे सैन्य इंजीनियरिंग से अलग करने के लिए 'असैनिक इंजीनियरिंग' (सिविल इंजीनियरी) के रूप में परिभाषित किया गया।[4] परंपरागत रूप से इसे कई उप-शाखाओं में बांटा गया है, जिनमें -पर्यावरण इंजीनियरिंग, भू-तकनीक इंजीनियरिंग, संरचनात्मक इंजीनियरिंग, परिवहन इंजीनियरिंग, नगरपालिका या शहरी इंजीनियरिंग, जल संसाधन इंजीनियरिंग, पदार्थ इंजीनियरिंग, तटीय इंजीनियरिंग,[3] सर्वेक्षण और निर्माण इंजीनियरिंग.[5] सिविल इंजीनियरिंग हर स्तर पर होती है: सार्वजनिक क्षेत्र में नगरपालिका के क्षेत्र से संघीय स्तरों तक और निजी क्षेत्र में व्यक्तिगत घरों के मालिकों से अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों तक
Answer:
Hii
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Explanation:
आज के इंजीनियर अपने तकनीक ज्ञान को बहुत उच्च मानते हैं। उनको लगता है कि पुराने ज़माने में लोगों को तकनीकी ज्ञान नहीं था। वे तकनीकी शिक्षा से अनजाने थे। ऐसा सोचकर वे स्वयं एक गलतफहमी में जीते हैं। वह मानते हैं कि पश्चिमी सभ्यता ने ज्ञान का प्रसार किया है। भारत के लोगों को ज्ञान था ही नहीं। रिनसां के बाद से ही लोगों के अंदर ज्ञान का फैलाव हुआ।