पुनः प्रयोज्यता का लाभ है…….
Answers
पुनः प्रयोज्यता का लाभ पहले लिखे गये कोड का उपयोग कर पाना है।
Explanation:
पुनः प्रयोज्यता (Re-Usability) — किसी समस्या के हल के लिए लिखा क्या प्रोग्राम भी उसी समस्या का हाल होता है। इसका मतलब यह हुआ कि मिलती-जुलती समस्याओं के लिए हमें नए प्रोग्राम निकलेंने पड़ेंगे। डेटा प्रोग्रामिंग में डाटा और प्रोग्राम भिन्नता होने के कारण हमें नए प्रोग्राम बनाने पड़ेंगे। किसी समस्या के हल के लिए नए प्रकार के डेटा भी हो सकते हैं। थोड़ा बहुत बदलाव सब्जेक्ट के आधार पर तो हो सकता है परंतु प्रोग्राम इसके लिए काम नहीं आ सकता। ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्राम में व्यवस्था होती है कि वे नई समस्याओं के अनुसार पुनः नियोजित किये जा सकते हैं। इसे ही पुनः प्रयोज्यता कहते हैं। पुनः प्रयोज्यता से प्रोग्राम में दिये गये कोड को उपयोग कर पाते हैं, और नई समस्या के अनुसार उसमें बदलाव कर सकते हैं, यही ऑब्जेक्ट ओरियेंटेड प्रोग्राम की खास विशेषता होती है।