Hindi, asked by virsasandhu1986, 4 months ago

“पानी परात को हाथ छुयो नहिं, नैनन के जल सों पग धोए।" पंक्ति में
वर्णित भाव का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।

Short and easy answer​

Answers

Answered by ytv69Sonic
44

Answer:

पानी परात को हाथ छुयो नहिं, नैनन के जल सों पग धोए।'' उक्त पंक्ति में भगवान श्री कृष्ण का अपने परम मित्र सुदामा के प्रति अत्यंत प्रेम प्रकट हुआ है। वह अपने बालसखा की दयनीय दशा को देखकर अत्यंत दुखी हो जाते हैं। वह इतनी दुखी हो जाते हैं कि पानी की बजाए अपने आंसुओं से मित्र के पैरों को ढूंढने लगते हैं।

Explanation:

Hope it is helpful buddy.

Stay Safe And Stay Blessed.

Answered by kimkomhyungbtsbts
10

Explanation:

पानी परात को हाथ छुयो नहिं, नैनन के जल सों पग धोए।'' उक्त पंक्ति में भगवान श्री कृष्ण का अपने परम मित्र सुदामा के प्रति अत्यंत प्रेम प्रकट हुआ है। वह अपने बालसखा की दयनीय दशा को देखकर अत्यंत दुखी हो जाते हैं। वह इतनी दुखी हो जाते हैं कि पानी की बजाए अपने आंसुओं से मित्र के पैरों को ढूंढने लगते हैं।

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