Hindi, asked by lisagupta8, 1 year ago

पुनः रचना की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए

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Answered by mchatterjee
57

पुनः रचना अर्थात किसी लेख को दुबारा लिखने की प्रक्रिया को पुनः रचना कहते हैं।

पुनः रचना करने की आवश्यकता तब होती है जब लेख में कोई त्रुटी होती है या बाधा विघ्न होती है।

पुनः रचना करने से लेख में मौजूद त्रुटियां दूर होती है और लेख सटीक होता है।

Answered by coolthakursaini36
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पुनः रचना की आवश्यकता तब होती जब किसी नए काव्य का सृजन पुराने काव्य की पटकथा के आधार पर आधारित हो जिस में जो विषय छूट गए थे उनका संयोजन करना होता है। जिसमें वर्तमान लेखक पुराने लेखक की शैली को अपनाता है तथा उसमें कुछ अपने नए विषय जोड़ देता है।  

जैसे रामायण की रचना महर्षि वेदव्यास जी ने की थी लेकिन गोस्वामी तुलसीदास ने रामायण को आधार मानकर के रामचरितमानस की रचना की थी।

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