पुनः रचना की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए
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Ans. पुनः रचना अर्थात किसी लेख को दुबारा लिखने की प्रक्रिया को पुनः रचना कहते हैं पुनः रचना करने की आवश्यकता हमें तब होती है जब किसी वाक्य में त्रुटि होती है या उस वाक्य में कोई बाधा दिखती है उसे दूर करने के लिए की पुनः रचना आवश्यकता पड़ती है जिससे हमारा लेख त्रुटि रहित और जानकारी स्पष्ट रूप से मिल पाए
पुनः रचना तीन प्रकार के होते हैं
1. अकर्मक क्रिया- प्रिय तथा भला लगना
2. सकर्मक क्रिया- तैयार करना, प्रस्तुत करना जैसे पुस्तक रचना, उत्पन्न करना
3. स्री- निर्माण( जैसे- फूलों की रचना), बनावट( जैसे- भवन, मकान की रचना)
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