Hindi, asked by sudeshsudesh867, 7 months ago

'पानी टपके कच्चे सकोरे' से क्या अभिप्राय है?​

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Answered by jaswantsingh96544842
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Answer:

पानी टपके कच्चे सकोरे, व्यर्थ प्रयास हो रहे मेरे। जी में उठती रह-रह हूक,घर जाने की चाह है घेरे।। भावार्थ :- कवयित्री ने इन पंक्तियों में अपने इंतज़ार और प्रयास का वर्णन किया है कि कब उनका मिलन परमात्मा से हो पाएगा। जिस तरह कच्चे घड़े से पानी टपक-टपक कर कम होता जाता है, उसी तरह कवयित्री का जीवन भी कम होता जा रहा है।

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