पानी दे गुड़धानी दे' मैं गुड़धानी का क्या अर्थ है?
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पानी दे गुड़धानी दे' मैं गुड़धानी का क्या अर्थ है?
‘काले मेघा पानी दे’ धर्मवीर भारती लेखक द्वारा लिखी गई है| इस पाठ में लेखन ने संसार में प्रचलित विश्वास और विज्ञान का सुंदर वर्णन किया गया है| वर्षा न होने के कारण परेशान होते है , इंद्र देवता से प्रार्थना करते है , गीत गाते है|
पानी दे गुड़धानी दे' मैं गुड़धानी का अर्थ पाठ में अनाज से है| जब वर्षा होगी तभी खेतों में अनाज होगा | खेतों में ईख और धान पैदा होगे | ईख से गुड बनेगा और तभी हम गुड़धानी तैयार होगी| वर्षा के साथ-साथ वह अनाज भी मांग रहे है|
Explanation:
इंद्रसेना बादलों से पहले पानी मांगती है और बाद में गुड़धानी गेहूं या चने को भूनकर उसे पिघले हुए गुड़ में मिलाकर गुड़धानी बनाई जाती है वर्षा होगी तभी गेहूं चने खादी को बुआई होती है इन सब के पैदा होने पर ही गुड़धानी बनेगी दूसरे यहां गुड़धानी भोजन का प्रतीक है बादलों से भोजन मांगा जा रहा है क्योंकि मनुष्य की मूल आवश्यकताओं में हवा के बाद जालौर जल का स्थान होता गुड़धानी का एक और अर्थ प्रशंसा से लिया गया है