Hindi, asked by sonusingh021089, 3 months ago

प्र.1
अधोलिखितेषु उचित - विकल्प चित्वा लिखत
(i) पुस्तकालयः' इत्यस्मिन् पदे सन्धिः अस्ति
(अ) दीर्घ सन्धिः
(ब) अयादि सन्धिः
(स) पूर्वरूप सन्धिः
(द) गुण सन्धिः
(ii) महेशः' इत्यस्मिन् पदे सन्धि-विच्छेदः भवति
(अ) महा + ईशः
(ब) महे + ईश.
(स) म+ हीशः
(द) महान् + शः
(ii) 'मनोहरः' इत्यस्मिन् पदे सन्धिः वर्तते
(अ) व्यञ्जन सन्धिः
(ब) स्वर सन्धिः
(स) विसर्ग सन्धिः
(द) पूर्वरूप सन्धिः
(iv) विद्या माता इव रक्षति' इत्यस्मिन् वाक्ये अव्ययम् अस्ति
(ब) माता
(स) विद्या
(द) रक्षति
(v) अधोलिखितेषु अव्ययं नास्ति
(अ) सर्वत्र
(ब) अद्य
(स) बालकः
(द) एव
(अ) इव​

Answers

Answered by ranveerchoudhary01
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Answer:

प्रस्तुत कववता “ वीर” क्जसके कवव का नाम रामधार लसंह ददनकर है, वह एक ओजस्वी वीर रस

प्रधान कववताओं के रिनाकार है। उन्होंने इस कववता में उद्र्मी पुरुषों की व्र्ाख्र्ा करते हुए कहा है

कक वीर पुरुष वह होते हैंजो अपने ननरंतर प्रर्ास से असंभव कार्य को भी संभव कर देते हैं। पत्र्र

जो ठोस रूप है और क्जस में पानी का समावेश नगण्र् है, वैसे जगह से भी वीर पुरुष उद्र्म करके

पानी अर्ायत वह तत्व जो उसमें ननदहत नह ं है ,उसको भी िाहर ननकाल सकते । तात्पर्य र्ह है कक

ककतना भी दष्ुकर कार्य हो उसको वह साध्र् कर लेते हैं।

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