प्र.1) निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढकर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
प्रातःकाल का समय बहुत सुहावना होता है। उस समय वातावरण शुद्ध तथा वायु सुगंधित होती है। उस समय किसी नदी- तट पर चले जाओ तो वहाँ का दृश्य सचमुच चित्ताकर्षक होता है। उस समय,प्रकृति धीरे-धीरे अपने रंगमंच को सजा रही होती है। नदी-तट पर जल कणों से मिश्रित वाय् आकर स्पर्श करती है तो ऐसा लगता है कि किसी लंबी मूच्छा को हटाने के लिए जल के छींटे आ रहे हैं। वहाँ पर खडे होकर जल को देखें, जो दूर तक फैला है, तो हृदय मे विशालता के भाव उठाने लगते हैं। नदी न जाने किस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए बिना सुने अग्रसर हो रही है- कदाचित् समुद्र में मिल जाने को। मनुष्य उस समय यह सीख सकता है कि वह भी ब्रह्म को पाने के लिए में सदा नदी की तरह चुपचाप अग्रसर होता रहे।
प्रश्न:-
क) प्रातःकाल का समय कैसा होता है?
ख) नदी - तट पर खड़े होकर देखने से जल कैसा प्रतीत होता है ?
ग) नदी से हम क्या सीख सकते है ?
घ) निम्नलिखित शब्दों के एक -एक पर्यायवाची शब्द लिखिए।
1) समुद्र
2) वायु
ङ) उपर्युक्त गदयांश का उचित शीर्षक लिखिए।
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pls xp2n892jeg8r ycomwhee
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pvkuxqcwqy
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क) सुहावना
ख) चित्ताकर्षक
ग )नदी की तरह चुपचाप अग्रसर होता रहे।
छ ) 1) सागर
2) हवा
ड ) पवित्र नदी ।
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