Hindi, asked by dishikashekhawat3914, 6 months ago

प्र.1. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढकर पूछे गये प्रश्नो के उत्तर लिखिए :-(5)
विद्यार्थी जीवन ही वह समय है, जिसमें बच्चों के चरित्र, व्यवहार तथा आचरण को
जैसा चाहे, वैसा रूप दिया जा सकता है। यह अवस्था भावी वृक्ष की उस कोमल शाखा
की भाँति है, जिसे जिधर चाहे मोड़ा जा सकता है। छात्रावस्था उस श्वेत चादर की तरह
होती है, जिसमें जैसा प्रभाव डालना हो, डाला जा सकता है। सफेद चादर पर एक बार
जो रंग चढ गया, सो चढ गया, फिर से वह पूर्वावस्था को प्राप्त नहीं हो सकती।
इसीलिए प्राचीन काल से ही विद्यार्थी जीवन के महत्व को स्वीकार किया गया है। इसी
अवस्था से सुसंस्कार और सद्वृत्तियाँ पोषित की जा सकती है। इसीलिए प्राचीन समय में
बालक को घर से दूर गुरूकुल में रहकर कठोर अनुशासन का पालन करना होता था।
1) व्यवहार व आचरण को सुधारने का सर्वोत्तम समय कौन सा है और क्यों है ? ​

Answers

Answered by devmhkl
6

Answer:

व्यहवहार और आचरण सुधारने का सर्वोत्तम समय विद्यार्थी जीवन है क्योंकि इस अवस्था मे बच्चों का मन बड़ा ही कोमल होता है और उन्हें जैसी बातें सिखाई जाती है जीवन भर उनका व्यहवार वैसा ही रहता है। इसीलिए कहा गया है कि--

Child is the father of Man....

Answered by badalsinghvats5
1

Answer:

विघाथी जीवन ही वह समय है,जिसमे बच्चों के चरित्र को , वयवयार को या आचरण को जैसा चाहे, वैसा रूप दिया जा सकता है

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