प्र०1- पहली तथा दूसरी स्त्री ने अपनी- अपनी बेटे के विषय में क्या कहा?
प्र०2-तीसरी स्त्री ने अपने बेटे को 'बृहस्पति का अवतार' क्यों कहा?
प्र०3-पहली स्त्री द्वारा पूछे जाने पर चौथी स्त्री ने क्या कहा?
प्र०4-चौथी स्त्री के बेटे ने अपनी मां के साथ कैसा व्यवहार किया, यह देख कर तीनों स्त्रियों को कैसा लगा?
प्र०-बच्चों को अपने माता-पिता के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए? समझाइए।
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Answer:
(i) पहली स्त्री ने अपने बेटे की प्रशंसा करते हुए उसे मधुर गायक बताया। दूसरी स्त्री ने अपने पुत्र को शक्तिशाली योद्धा बताया जो बड़े-बड़े पहलवानों को हरा देता है।
(ii) तीसरी स्त्री ने अपने पुत्र को बृहस्पति का अवतार बताया क्योंकि उसे पढ़ते ही सब कुछ कंठस्थ हो जाता था। जैसे उसके गले में सरस्वती का निवास हो।
(iii) पहली स्त्री द्वारा पूछे जाने पर चौथी स्त्री ने कहा कि उसके बेटे में उक्त तीनों स्त्रियों के पुत्रों जैसा कोई भी गुण नहीं है।
(iv) चौथी स्त्री के बेटे ने अपनी माँ का सिर पर धरा पानी का घड़ा ले लिया ताकि उसे घर पहुँचाने में सहायता कर सके। यह सहयोग व सम्मान देखकर तीनों स्त्रियों को आश्चर्य हुआ।
(v) बच्चों को अपने माता-पिता की हर संभव सहायता करनी चाहिए। छोटे से छोटे काम में दिया गया सहयोग माता-पिता को प्रसन्न करता है। यह ऐसी भक्ति है जिसका फल सदैव अनुकूल तथा सकारात्मक होगा।