Hindi, asked by vanshikabaghela122, 7 months ago

प्र-1 'तुम भी जूते और टोपी के आनुपातिक मूल्य के मारे हुए थे' के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता हैं?

NCERT class 9 hindi

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Answers

Answered by shivamsharma1256
15

Answer:

टोपी आठ आने में मिल जाती है और जूते उस ज़माने में भी पांच रुपये से कम में क्या मिलते होंगे। जूता हमेशा टोपी से कीमती रहा है। अब तो जूते की कीमत और बढ़ गई है और एक जूते पर पचीसों टोपियां न्योछावर होती हैं। तुम भी जूते और टोपी के आनुपातिक मूल्य के मारे हुए थे।

Answered by vikasbarman272
3

इस पंक्ति के माध्यम से लेखक ने साहित्यकार प्रेमचंद की गरीबी और दयनीय स्थिति पर व्यंग्य किया है।

  • यह प्रश्न प्रेमचंद्र के फटे जूते नामक कहानी से लिया गया है l इस पाठ के लेखक हरिशंकर परसाई जी है l
  • प्रेमचंद उच्च कोटि के साहित्यकार थे, जिन्हें सिर पर टोपी की तरह पहना जाना था, यानी उनका बहुत सम्मान किया जाना था, लेकिन समाज में जूते की कीमत टोपी से ज्यादा थी।
  • जो सम्मान के योग्य नहीं होते उन्हें सम्मान दिया जाता है। यहां स्थिति ऐसी है कि टोपी को जूते के आगे झुकना पड़ता है। उच्चकोटि के लेखक होने के बाद भी प्रेमचंद अपनी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए विवश थे। वे गरीबी में जी रहे थे।

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