प्र.1. दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए
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पाँवों में केनवस के जूते हैं, जिनके बंद बेतरतीब बंधे हैं। लापरवाही से उपयोग करने पर बंद के सिर
पर की लोहे की पतरी निकल जाती है और छेदों में बंद डालने में परेशानी होती है। तब बंद कैसे भी
कस लिए जाते हैं। दाहिने पाँव का जूता ठीक है, मगर बाएँ जूते में बड़ा छेद हो गया है जिसमें से
अँगुली बाहर निकल आई है। मेरी दृष्टि इस जूते पर अटक गई है। सोचता हूँ–फोटो खिंचवाने की
अगर यह पोशाक है, तो पहनने की कैसी होगी? नहीं, इस आदमी की अलग-अलग पोशार्के नहीं होगी-
इसमें पोशाकें बदलने का गुण नहीं है।
(क) दाहिने
(i) यहाँ किसके जूतों की बात की गयी है ?
(क) प्रेमचंद के (ख) हरिशंकर परसाई के (ग) नाना साहब के (घ) इनमे से कोई नहीं
(ii) बेतरतीब बंधे होने का आशय है ?
(क) कसकर बँधे होना (ख) ढीले बँधे होना (ग) लापरवाही से बाँधे गए (घ) इनमे से कोई नहीं
(ii) फोटो में किस पैर की अंगुली निकली हुई है ?
(घ) इनमे से कोई नहीं
(iv) पोशाक बदलने का गुण न होने से किस विशेषता का पता चलता है ?
(क) उन्हें पोशाकें बदलने का शौक था (ख) पोशाकें बदलने का तरीका मालून न था
(ग) वे दिखावे की भावना से दूर रहते थे (घ) वे अपनी पोशार्के सँभालकर रखते थे
(v) 'फोटो खिचाने की अगर यह पोशाक है तो पहनने की कैसी होगी' का वाक्य भेद कौन सा है ?
(क) विधानवाचक वाक्य (ख) संदेवाचक वाक्य (ग) इच्छासूचक वाक्य (घ) प्रश्नवाचक वाक्य
(ख) बाएँ
(ग) दोनों
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दिये गये पद्यांश के आधार पर पूछे गये सारे प्रश्नों के उत्तर इस प्रकार होंगे...
(i) यहाँ किसके जूतों की बात की गयी है
➲ (क) प्रेमचंद के
(ii) बेतरतीब बंधे होने का आशय है ?
➲ (ग) लापरवाही से बाँधे गए
(ii) फोटो में किस पैर की अंगुली निकली हुई है ?
➲ (ख) बाएँ
(iv) पोशाक बदलने का गुण न होने से किस विशेषता का पता चलता है ?
➲ (ग) वे दिखावे की भावना से दूर रहते थे
(v) 'फोटो खिचाने की अगर यह पोशाक है तो पहनने की कैसी होगी' का वाक्य भेद कौन सा है ?
➲ (ख) संदेवाचक वाक्य
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