प्र.12 स्थिर ताप पर बंद पात्र में एक द्रव अपनी वाष्प के साथ साम्यावस्था में है। यदि अचानक
पात्र का आयतन बढ़ जाता है
(a) वाष्पदाब परिवर्तन में क्या प्रभाव पड़ता है।
(b) प्रारंभ में वाष्पन की दर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
(c) प्रारंभ में संघनन की दर में क्या प्रभाव पड़ता है?
(d) अंतिम वाष्पदाब क्या होगा?
Answers
Answer:
(a) किसी विशेष वस्तु के लिए, किसी दिए गये ताप पर एक नियत दाब होता है जिस पर उस वस्तु की गैस अवस्था उसकी द्रव या ठोस अवस्था के साथ गतिज साम्यावस्था मे होती है, यह दाब उस वस्तु का उस ताप पर वाष्प दाब होता है। ... साम्यावस्था वाष्प दाब, किसी द्रव की वाष्पीकरण की दर को इंगित करता है।
(b) भाप तथा उबलते हुए जल दोनों का ताप 100°C होता है परंतु वाष्पन की गुप्त ऊष्मा के कारण भाप में अधिक ऊर्जा होती है। 20. (a) प्रारंभ में जल के हिमांक 0°C तक जल ठंडा होगा। ... (c) पृष्ठीय क्षेत्रफल में वृद्धि पर वाष्पन की दर में वृद्धि होती है क्योंकि वाष्पन एक पृष्ठीय परिघटना है।
(c) प्रारंभ में वाष्पन की दर बढ़ती है क्योंकि ज्यादा स्थान उपलब्ध होता है परन्तु इकाई आयतन में उपस्थित वाष्प घटती है आयतन बढ़ने पर, इसलिये संघनन की दर प्रारंभ में घटती है। ... अतः वाष्पदाब नहीं बदलता क्योंकि ये ताप पर निर्भर करता है, पात्र के आयतन पर निर्भर नहीं।