प्र.14 निम्नांकित अपठित गद्यांश को पढकर प्रश्नों के उत्र दीजिए।
नारी सृष्टि का आधार है। नारी के बिना संसार की हर रचना अपूर्ण तथा स्नाहीन है। उसने पृथ्वी जैसी
सहनशीलता एवं सूर्य जैसा ओज तथा सागर जैसी मानीस्ता है नारी के अनेकरूप है वह समाज कमी
उन्नति नहीं कर सकता जहाँ नारी को सम्मान नहीं दिया जाता | नर और नारी गृहस्थी रूपी गाड़ी के द
पहिए है।
1. गद्यांश का शीर्षक लिखिए?
2 गद्यांश का सारांश लिखिर?
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yeh kya hai ji don't know sorry can't help
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