प्र.15
दिए गए अपठित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर
दें।
उदारता का अभिप्राय केवल निःसंकोच भाव से किसी को धन दे
डालने से नहीं वरन् दूसरों के प्रति उदार भाव रखना भी है। उदार
पुरूष सदैव दूसरों के विचारों का आदर करता है और समाज में सेवा
भाव से रहता है। यह न समझो कि केवल मन से उदारता इस भाव से
है कि केवल मन से उदारता हो सकती है। सच्ची उदारता इस भाव
से है कि एहसान जताकर उपकार न किया जाए। एहसान जताकर
उपकार करना अनुपकार है।
1. गद्यांश का शीर्षक लिखिए।
2. गद्यांश का सारांश लिखिए। (15 से 20 शब्द)
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अपठित गद्यांश 2 उदारता का अभिप्राय केवल निःसंकोच भाव से किसी को धन दे डालना ही नहीं वरन दूसरों के प्रति उदार भाव रखना भी है। उदार पुरुष सदा दूसरों के विचारों का आदर करता है और समाज में सेवक भाव से रहता है।
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