प्र.18. इकहरी नागरिकता किसे कहते है ?
अथवा
13मारतीय संविधान की चार विशेषतायें लिखिए।
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भारत के संविधान के संघात्मक होने के बावजूद भारत के नागरिकों को केवल एक ही नागरिकता प्रदान की गई है, वह है भारत की नागरिकता, जबकि विश्व के अन्य देशों विशेष अमेरिकी और स्विट्जरलैंड के परिसंघीय संविधानों में दोहरी नागरिकता की व्यवस्था अर्थात एक संघ की या राष्ट्रीय नागरिकता और दूसरी उस राज्य विशेष की नागरिकता जहां उस व्यक्ति का जन्म हुआ है या जहां में स्थाई रूप से निवास करता है।
भारत में प्रत्येक व्यक्ति को एक ही नागरिकता प्राप्त है चाहे वह किसी भी राज्य में रहता हो। किसी भारतीय नागरिक के लिए भारत के किसी क्षेत्र विशेष में रहने संबंधी कोई बाध्यता नहीं है। यहां यह उल्लेखनीय है कि संविधान के अनुच्छेद 16 (3) में संसद को यह शक्ति दी गई है कि वह किसी राज्य संघ राज्य क्षेत्र के अधीन किसी वर्ग या वर्गों के नियोजन के लिए यह निर्धारित करें कि उस राज्य संघ राज्य क्षेत्र में निवास करने की आवश्यक अर्हता होगी। वास्तव में यह व्यवस्था स्थानीय परिस्थितियों से परिचय के कारण कार्य में दक्षता प्राप्त हो सके, इसलिए की गई है।
इसके अलावा चूंकि अनुच्छेद 15 (1) केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर भेद की मनाही करता है और इसमें निवास संबंधी किसी शर्त का कोई उल्लेख नहीं है। संविधान निर्माताओं ने एकीकृत भारतीय राष्ट्र तथा संयुक्त बंधुत्व का निर्माण करने के लक्ष्य को सामने रखकर इकहरी भारतीय नागरिकता प्रावधान करने का निर्णय किया था। भारत के सभी नागरिकों को चाहे उसका जन्म किसी भी राज्य में हुआ बिना किसी भेदभाव के देश भर में एक से अधिकार तथा कर्तव्य प्राप्त हैं।
इस प्रकार भारत में एकल नागरिकता को भारत की अखंडता का प्रतीक भी मान सकते हैं।
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