प्र. 18 मंगोलों की हरकारा पद्धति को समझाइए। अथवा चंगेज खां द्वारा स्थापित नोयान व्यवस्था को समझाइए। प्र. 19 चाल उलूसों का गठन कैसे हुआ ? अथवा स्टेपी क्षेत्रों में प्रचलित पुरानी दशमलव पद्धति क्या थी ? विश्लेषणात्मक प्रश्न प्र. 20 मंगोलों के लिए व्यापार क्यों इतना महत्वपूर्ण था ? ATOAT
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18.उत्तर : चंगेज खान ने एक फुर्तीली संचार (हरकारा) पद्धति अपना रखी थी जिससे राज्य के दूर स्थित स्थानों में आपसी संपर्क बना रहता था। अपेक्षित दूरी पर सैनिक चौकियाँ बनाई गई थीं। ... इस संचार पद्धति के संचालन के लिए मंगोल यायावर अपने- अपने घोड़ों अथवा अन्य पशुओं का दसवाँ भाग प्रदान करते थे। इसे 'कुबकुर' कर कहते थे।
19.दशमलव पद्धति या दाशमिक संख्या पद्धति या दशाधार संख्या पद्धति (decimal system, "base ten" or "denary") वह संख्या पद्धति है जिसमें गिनती/गणना के लिये कुल दस अंकों या 'दस संकेतों' (0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9) का सहारा लिया जाता है। यह मानव द्वारा सर्वाधिक प्रयुक्त संख्यापद्धति है।
उदाहरण के लिये 645.7 दशमलव पद्धति में लिखी एक संख्या है।
(गलतफहमी से बचने के लिये यहाँ दशमलव बिन्दु के स्थान पर 'कॉमा' का प्रयोग किया गया है।)
इस पद्धति की सफलता के बहुत से कारण हैं-
किसी भी संख्या को निरूपित करने के लिये केवल दस संकेतों का प्रयोग - दस संकेत न इतने अधिक हैं कि याद न किये जा सकें और न इतने कम हैं कि बड़ी संख्याओं को लिखने के लिये संकेतों को बहुत बार उपयोग करना पड़े। (उदाहरण के लिये 255 को बाइनरी संख्या पद्धति में लिखने के लिये आठ अंकों की जरूरत होगी ; 255 = 11111111)
दस का अंक मानव के लिये अत्यन्त परिचित हैं - हाथों में कुल दस अंगुलियाँ है; पैरों में भी दस अंगुलियाँ हैं।
20. उत्तर स्टेपी क्षेत्रों में संसाधनों की कमी के कारण मंगोलों और मध्य-एशियाई यायावरों को व्यापार और वस्तु-विनिमय के लिए उनके पड़ोसी चीनवासियों के पास जाना पड़ता था। यह व्यवस्था दोनों पक्षों के लिए लाभकारी थी।