प्र.19 पंक्ति का भाव -- विस्तार कीजिए -
"बैर क्रोध का आचार या मुरब्बा है।"
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बैर क्रोध का अचार या मुरब्बा है। का भाव विस्तार कीजिए। Answer: क्रोध यदि आम है तो बैर उसका अचार। जिस प्रकार आम की अपेक्षा उसका अचार अधिक टिकाऊ होता है। उसी प्रकार बैर, क्रोध का स्थायी या टिकाऊ रूप है।
पंक्ति का भाव -- विस्तार कीजिए - "बैर क्रोध का आचार या मुरब्बा है।"
'बैर क्रोध का अचार या मुरब्बा है।' इस बात से तात्पर्य यह है कि जब हम किसी के प्रति बैरभाव धारण कर लेते हैं तो हमारे अंदर क्रोध उत्पन्न होता है। बैर के कारण ही हम किसी के प्रति क्रोध कर बैठते हैं। यदि हमारे अंदर बैरभाव नहीं होगा तो हम सबके साथ विनम्रता से पेश आएंगे। लेकिन यदि हम किसी के प्रति बैर रखेंगे, किसी से किसी के प्रति शत्रुता का भाव रखेंगे, तो हमारे अंदर क्रोध उत्पन्न होगा। इसीलिए यदि क्रोध से बचना है तो वह आपको बैर त्यागना होगा। इसी कारण लेखक ने बैर को क्रोध का अचार या मुरब्बा कहा है।
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