Hindi, asked by saketvivend, 1 month ago


प्र.19, 'स्त्री शिक्षा का महत्व विषय पर अपने विचार व्यक्त कीजिए?

Answers

Answered by omkashyap
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Answer:

स्त्री शिक्षा स्त्री और शिक्षा को अनिवार्य रूप से जोड़ने वाली अवधारणा है। इसका एक रूप शिक्षा में स्त्रियों को पुरुषों की ही तरह शामिल करने से संबंधित है। दूसरे रूप में यह स्त्रियों के लिए बनाई गई विशेष शिक्षा पद्धति को संदर्भित करता है। भारत में मध्य और पुनर्जागरण काल के दौरान स्त्रियों को पुरुषों से अलग तरह की शिक्षा देने की धारणा विकसित हुई थी। वर्तमान दौर में यह बात सर्वमान्य है कि स्त्री को भी उतना शिक्षित होना चाहिये जितना कि पुरुष हो। यह सिद्ध सत्य है कि यदि माता शिक्षित न होगी तो देश की सन्तानो का कदापि कल्याण नहीं हो सकता।

Explanation:

thanks for asking

Answered by Aastha5175
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Answer:

प्राचीन काल से कई शासकों, योद्धा अर्थात पुरुष प्रधान समाज के कारण स्त्री शिक्षा का महत्व नहीं था किन्तु एक शताब्दी पहले राजा राममोहन रॉय और ईश्वरचंद विद्यासागर ने नारी शिक्षा का प्रचलन किया।  इन्हें कई विरोध एवं हिंसा का सामना करना पड़ा परन्तु लोगों में स्त्री शिक्षा के महत्व को लेकर परिवर्तन आया। जैसे जैसे समय बढ़ता चला गया और नारी शिक्षा में बदलाव और विकास होने लगा। जिस प्रकार पुरुष को इस देश के प्रगति, विकास एवं उन्नति के लिए विद्या मिल रही है तो नारी भी इस देश की नागरिक है और उसे भी शिक्षा प्राप्ति का पूरा हक़ है। जब दोनों को संविधान में समान अधिकार मिला है तो शिक्षा के क्षेत्र में भी समान अधिकार हो। तो आइये पढ़तें हैं कि स्त्री शिक्षा का महत्व प्राचीनकाल से वर्तमान तक कैसा उतार-चढ़ाव रहा है।

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