प्र.2) चित्रं दृष्ट्वा । संस्कृते लिखत
मंजूषा-छात्र, दान
नाम, चित्राणि, तूष्णीम्, अस्ति, तिष्ठन्ति,
विशाल, पुस्तकालय, संग्रहः, पुस्तकअध्यक्षा
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Answer:
श्न ( 2) निम्नलिखित गदयाश को यानपूर्वक पहिए और उस से
सम्बंधित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
पुस्तकालय - पुस्तकों के संग्रह का ऐसा स्थान है जो अनेक विषयों की अनेक
पुस्तकों को हमें सरलता से उपलब्ध करवाता है। कई पुस्तकालयों में
हस्तलिपियों तथा भोजपनों पर लिखे दस्तावेज तथा आलेख आज भी देखने
को मिल जाते है । राष्ट्रीय पुस्तकलायों से दुर्लभ पांडुलिपियाँ , अप्रकाशित
संथों आदि को सहेज कर रखा जाता है। पुस्तकालय जाल - प्राप्ति के लिए
बनाई गई संस्था है जिससे प्रत्येक व्यक्ति लाभ प्राप्त कर सकता है।
पुस्तकालय से ली गई पुस्तकों को सही समय पर लौटाला , पृष्ठादिल फाइना
कागज खराब न करना आदि कुछ लियस निश्चित किए गए है जिससे पुस्तके
सुरक्षित रखी जा सके।
( क ) पुस्तकों के संग्रह का स्थान क्या कहलाता है?
(ख) दुर्लभ पांडुलिपियाँ कहाँ सहेज कर रखी जाती है?
(ग) कौन - कौन से नियम पुस्तकालय के लिए निश्चित किए गए है ?
(घ) गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए