प्र.2.निचे दिये पद्यांश को पढकर प्रश्नों के उत्तर दीजीये:
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दुःख ही जीवन की कथा रही
क्या कहुं जो आज नहीं कही
इस पथ पर मेरे कार्य सकल
हो भ्रष्ट शीत के-से शतदल
कन्ये गत कर्मों का अर्पण
कर करता मैं तेरा तर्पण।
क) “दुःख ही जीवन की कथा रही” कथन का क्या भाव है?
ख) कवि मृत कन्या की तृप्ती के लिये क्या करना चाहता है?
ग) कवि अपनी पीडा के विषय में क्यों कुछ नहीं कहना चाहता?
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1. dukhi Jeevan ki Katha rahi hai iska bhav hai jivan mein ham log ko dukh hi se aate Hain chalta hi rahata hai.
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sorry bt ur name is kanpuriya I think m I right
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