प्र.2 तवारीख का अध्ययन किस प्रकार हमारे लिए उपयोगी हो
सकता है?
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मध्यकालीन भारतीय इतिहास के स्रोत Sources Of Medieval Indian History. राजतरंगिणी 1148 से 1150 के बीच कल्हण द्वारा संस्कृत भाषा में रचा गया ग्रन्थ है। राजतरंगिणी में महाभारत काल से लेकर 1151 ई. ... राजतरंगिणी के शुरुआती छंदों से हमें उनके पिता चंपक के बारे में पता चलता है, जो कश्मीर में हर्ष के दरबार के मंत्री थे !
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तवारीख का अध्ययन किस प्रकार हमारे लिए उपयोगी हो
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