प्र.2 वाच्य किसे कहते है? उदाहरण सहित लिखिए।
प्र.3 अकर्तृ वाच्य किसे कहते है? यह कितने प्रकार का होता है?
प्र.4 मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा क्या उम्मीद जगाता है?
प्र.5 बाल गोबिन भगत के मधुर गायन की विशेषताएँ लिखिए।
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Answer:
question no2=
वाच्य किसे कहते हैं वाच्य के भेद के उदाहरण
वाक्य में प्रयुक्त क्रिया रूप कर्ता, कर्म या भाव किसके अनुसार प्रयुक्त हुआ है, इसका बोध कराने वाले कारकों को वाच्य कहते हैं। प्रकार :
वाच्य तीन प्रकार के होते है।
1. कर्तृवाच्य
2. कर्मवाच्य
3. भाववाच्य
1. कर्तृवाच्य
जब वाक्य में प्रयुक्त क्रिया का सीधा और प्रधान सम्बन्ध कर्ता से होता है, अर्थात् क्रिया के लिंग, वचन कर्ता के अनुसार प्रयुक्त होते हैं, उसे कर्तृवाच्य कहते हैं।
जैसे (i) लड़का दूध पीता है
(ii) लड़कियाँ दूध पीती हैं।
प्रथम वाक्य में ‘पीता है।’ क्रिया कर्त्ता लड़का’ के अनुसार पुल्लिंग एक वचन की है जबकि दूसरे वाक्य में ‘पीती हैं। क्रिया कर्ता ‘लड़कियाँ’ के अनुसार स्त्रीलिंग, बहुवचन की है।
विशेष : आदरार्थ ‘आप’ के लिए क्रिया सदैव बहुवचन में होती है जैसे आप जा रहे हैं।
2. कर्मवाच्य
जब वाक्य में प्रयुक्त क्रिया का सीधा सम्बन्ध वाक्य में प्रयुक्त कर्म से होता है अर्थात् क्रिया के लिंग, वचन कर्ता के अनुसार न होकर कर्म के अनुसार होते हैं, उसे कर्मवाच्य कहते हैं। कर्मवाच्य सदैव सकर्मक क्रियाओं का ही होता है क्योंकि इसमें ‘कर्म’ की प्रधानता रहती है।
जैसे (i) राम ने चाय पी। (ii) सीता ने दूध पीया।।
उपर्युक्त प्रथम वाक्य में क्रिया ‘पी’ स्त्रीलिंग एक वचन है जो वाक्य में प्रयुक्त कर्म ‘चाय’ (स्त्रीलिंग, एकवचन) के अनुसार आयी है। द्वितीय वाक्य में प्रयुक्त क्रिया ‘पीया’ पुल्लिंग, एकवचन में है जो वाक्य में प्रयुक्त कर्म ‘दूध’ (पुल्लिंग, एकवचन) के अनुसार है।
कर्मवाच्य की दो स्थितियाँ होती हैं।
(i) कर्तायुक्त कर्मवाच्य
(ii) कर्ता रहित कर्मवाच्य
question no 3=
. कर्तृवाच्य :- क्रिया के जिस रूप से वाक्य के उद्देश्य (क्रिया के कर्ता) का बोध हो, वह कर्तृवाच्य कहलाता है। इसमें लिंग एवं वचन प्रायः कर्ता के अनुसार होते हैं। ... कर्मवाच्य :- क्रिया के जिस रूप से वाक्य का उद्देश्य 'कर्म' प्रधान हो उसे कर्मवाच्य कहते हैं।
question no4=
मूर्ति पर चश्मा है भले ही सरकंडे का है। इससे पता चलता है कि लोगों में देशभक्तों के प्रति श्रद्धा खत्म नहीं हुई है। हालदार की सोच में सरकंडे का चश्मा किसी बच्चे की सोच का परिणाम है। यह उम्मीद जगाता है कि नई पीढ़ी के बच्चों में भी देशभक्ति एवं देशभक्तों के प्रति आदर एवं श्रद्धा की भावना विद्यमान है।
question no5=
बालगोबिन भगत के मधुर गायन की विशेषता यह थी कि कबीर के सीधे-सादे पद उनके कंठ से निकल कर सजीव हो उठते थे, जिसे सुनकर लोग-बच्चे-औरतें इतने मंत्र-मुग्ध हो जाते थे कि बच्चे झूम उठते थे, औरतों के होंठ स्वाभाविक रूप से कॅप-कॅपाने लगते थे, हल चलाते हुए कृषकों के पैर विशेष क्रम-ताल से उठने लगते थे, उनके संगीत की ध्वनि-तरंग .