Hindi, asked by vijaykumarsharma8277, 5 hours ago

प्र०23 निम्िललखित अपदित र्द्र्ांश को साविािीप



वकय

पढ़कर और उसकेिीचेललिेप्रश्िों केउत्तर र्दीजजए ________

संस्कार ही लशक्षा है। लशक्षा मािव को मािव बिाती है। आज के

भौनतकवार्दी र्



र् मेंलशक्षा का म



ख्र् उद्र्देश्र् सु

ि पािा रह र्र्ा

है। अंग्रेजों िेइस र्देश मेंअपिा शासि व्र्वजस्थत रूप सेचलािे

केललए ऐसी लशक्षा को उपर्



क्त समझा ककन्तुर्ह ववचारिारा

हमारी मान्र्ता केववपरीत है। आज की लशक्षा प्रर्णाली एकाकी है

, उसमेंव्र्ावहाररकता का अभाव और काम केप्रनत निष्िा िहीं

है। प्राचीि लशक्षा प्रर्णाली मेंआध्र्ाजत्मक एवंव्र्ावहाररक

जीवि की प्रिािता थी । र्ह लशक्षा के वल िौकरी केललए िहीं

जीवि को सही दर्दशा प्रर्दाि करिेकेललए भी थी । अत : आज के

पररवेश मेंर्ह आवश्र्क हो र्र्ा है, कक इि र्दोषों को र्दरू

ककर्ाजाए । अन्र्था र्ह र्दोष हमारेसामाजजक जीवि को निर्ल

जाएर्ा ।

प्रश्ि-

( 1 ) उपर्



क्य त र्द्र्ांश का उधचत शीषयक र्दीजजए ।

( 2 ) र्द्र्ांश का सारांश अपिेशब्र्दों मेंललखिए ।

( 3 ) भौनतकवार्दी र्



र् सेक्र्ा तात्पर्यहै?

( 4 ) वतयमाि लशक्षा प्रर्णाली को र्दोषप



र्णयक्र्ों कहा र्र्ा है?​

Answers

Answered by studanish155
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