Hindi, asked by rathodprachi84, 1 month ago

प्र.25 निम्नलिखित गद्यांश की संदर्भ प्रसंग सहित व्याख्या कीजिए-
अगर कालिदास यहां आकर कहें कि 'अपने बहुत से सुंदर गुणों से सुहानी लगने
वाली, स्त्रियों का जी खिलानेवाली, पेड़ों की टहनियों और बेलों की सच्ची सखी तथा
सभी जीवों का प्राण बनी हुई वर्षा ऋतु आपके मन की सब साधे पूरी करें तो शायद
स्पीति के नर-नारी यही पूछेगे कि यह देवता कौन है? कहाँ रहता है? यहाँ क्यों
नहीं आता?​

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Answered by adhi200450
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Answer:

tum satiye kandra kadiye nak chalo!!

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