Hindi, asked by rohitdahiya603, 3 months ago

प्र.26
साहित्य पतितों को उठाने वाला और उत्पीड़ितों के मस्तक को उन्नत करने वाला है,
उसके उत्पादन और संवर्धन की चेष्टा जो गति नहीं करती वह अज्ञानांधकार की गर्त
में पड़ी रहकर किसी दिन अपना अस्तित्व ही खो बैठती है। अतएवं समर्थ होकर भी
जो मनुष्य इतने महत्त्वशाली साहित्य की सेवा और श्रीवृद्धि नहीं करता अथवा उससे
अनुराग नहीं रखता वह समाजद्रोही है, वह देशद्रोही है, वह राष्ट्रद्रोही है।
प्रश्न
(1) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
(2) समाजद्रोही एवं देशद्रोही कौन है?
(3) उपर्युक्त गद्यांश का सारांश लिखिए।
111 [M-2901-A]
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Answered by Diyaagarwal005
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