प्र.3] निम्नलिखित विषय के आधार 90-100 शब्दों में शुद्ध वर्तनी के साथ निबंध
लिखिए।
1) बढ़ता प्रदूषण और घटता सुख चैन
Answers
Answer:
आजकल दुनिया में प्रदूषण की मात्रा बढ़ती चली जा रही है। खासकर शहरों में तेज़ी से बढ़ता हुआ यह प्रदूषण प्रकृति, मनुष्यों और जीव जंतुओं के लिए हानिकारक है। जितनी उन्नति विज्ञान और प्रौद्योगिकी ने की है , उतना ही उसका गहरा प्रभाव गहरा प्रकृति और पर्यावरण पर पड़ा है। आज हम कई विपदाओं का सामना कर रहे है, उसमे से एक प्रदूषण भी है। जब पृथ्वी के वातावरण में गंदगी फैलाने वाले पदार्थ और वस्तु पाए जाते है, जिसके कारण जल, हवा, मिटटी जैसे प्राकृतिक संसाधन प्रदूषित हो रहे है, उसे प्रदूषण कहा जाता है। शहरों को कई दशकों से उन्नत और शक्तिशाली बनाने के लिए वन, पेड़ इत्यादि धरल्ले से काटे जा रहे है क्यों कि उसकी जगह पर बड़ी इमारत, बिल्डिंग्स, शॉपिंग मॉल, फैक्ट्रीज बनाये गए है और अभी भी बनाये जा रहे है। मनुष्य तरक्की और कामयाबी पाने के लिए अपनी ही सुन्दर प्रकृति को कई वर्षो से नुकसान पहुँचा रहा है। प्रदूषण के लिए मानव जाति खुद जिम्मेदार है। मनुष्य ने अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए प्राकृतिक संसाधनों का कई जगह गलत उपयोग किया है। जीव जंतुओं के प्राकृतिक आवास को नष्ट किया है। जिसकी वजह से कई जीव जंतु विलुप्त हो गए है। कई जीव जंतु गाँव और सड़को पर पाए गए है। अगर हम उनसे उनका घर छीन लेंगे तो वह हमारे घरो तक पहुँच जाएँगे।
प्रदूषण का प्रमुख वजह है शहरीकरण। मानव ने शहर निर्माण में ज़्यादा ध्यान दिया है। औद्योगीकरण के स्तर में विकास हुआ। अत्यधिक औद्योगीकरण के कारण वायु, जल और मिटटी प्रदूषित होने लगे है। आये दिन कल-कारखानों से निकलने वाला जानलेवा धुँआ वायु को प्रदूषित कर रहा है। दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता जैसे महानगरों में प्रदूषण अपने चरम सीमा पर पहुँच गया है। जनगणना के अनुसार प्रदूषण भारत और कई देशो में उच्चतम स्तर पर पहुँच गया है।