Hindi, asked by adarshchaudhary216, 7 months ago

प्र. 4. निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर ऐसे चार प्रश्न तैयार कीजिए, जिनके उत्तर गद्यांश में एक-एक
वाक्य में हों:
धन्य है वह ईट, जो जमीन के सात हाथ नीचे जाकर गड़ गई और इमारत की पहली ईंट
बनी। क्योंकि इसी पहली ईट पर, उसकी मजबूती और पुख्तेपन पर सारी इमारत की अस्ति-
नास्ति निर्भर करती है। उस ईंट को हिला दीजिए, कंगूरा बेतहाशा जमीन पर आ रहेगा। कंगूरे
के गीत गाने वाले हम आइए, अब नौंव के गीत गाएँ। वह ईंट, जो सब ईंटों से ज्यादा पक्की
थी, यदि ऊपर लगी होती, तो कंगूरे की शोभा सौ गुनी कर देती किंतु इमारत की पायदारी
उसकी नींव पर मुनहसिर होती है, इसलिए उसने अपने को नींव में अर्पित कर दिया। सुंदर
सृष्टि हमेशा ही बलिदान खोजती है। बलिदान ईंट का हो या व्यक्ति का। सुंदर इमारत बने,
इसलिए कुछ पक्की-पक्की लाल ईंटों को चुपचाप नींव में जाना है। सुंदर समाज बने, इसलिए
कुछ तपे-तपाए लोगों को मौन-मूक शहादत का लाल सेहरा पहनना है।​

Answers

Answered by akashkumar02042001
7

Answer:

धन्य है वह ईट, जो जमीन के सात हाथ नीचे जाकर गड़ गई और इमारत की पहली ईंट

बनी। क्योंकि इसी पहली ईट पर, उसकी मजबूती और पुख्तेपन पर सारी इमारत की अस्ति-

नास्ति निर्भर करती है। उस ईंट को हिला दीजिए, कंगूरा बेतहाशा जमीन पर आ रहेगा। कंगूरे

के गीत गाने वाले हम आइए, अब नौंव के गीत गाएँ। वह ईंट, जो सब ईंटों से ज्यादा पक्की

थी, यदि ऊपर लगी होती, तो कंगूरे की शोभा सौ गुनी कर देती किंतु इमारत की पायदारी

उसकी नींव पर मुनहसिर होती है, इसलिए उसने अपने को नींव में अर्पित कर दिया। सुंदर

सृष्टि हमेशा ही बलिदान खोजती है। बलिदान ईंट का हो या व्यक्ति का। सुंदर इमारत बने,

इसलिए कुछ पक्की-पक्की लाल ईंटों को चुपचाप नींव में जाना है। सुंदर समाज बने, इसलिए

कुछ तपे-तपाए लोगों को मौन-मूक शहादत का लाल सेहरा पहनना है।

Answered by ekramulhaque19436
0

Answer:

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