प्र.6.अ) निम्नलिखित गद्य खंड पढकर उसके नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
गुरुकुल में पढ़ने वाले छात्रों की पढाई पूरी होने पर एक दिन गुरूजी ने सभी छात्रों को मैदान
पर इकट्ठा होने के लिए कहा। सभी शिष्य मैदान पर आकर खड़े हो गए। गुरूजी ने उनसे कहा,
"प्रिय शिष्यों, मैं चाहता हूँ कि यहाँ से जाने से पहले आप सब एक बाधा दौड़ में भाग लें। इस
दौड़ में आपको एक अँधेरी सुरंग से गुजरना होगा। सभी शिष्य सुरंग से गुजरे जहाँ जगह-
जगह नुकीले पत्थर पड़े थे। दौड़ पूरी होने पर गुरूजी ने कहा, कुछ शिष्यों ने दौड़ जल्दी पूरी
करली और कुछ ने बहुत अधिक समय लगा दिया, भला ऐसा क्यों? कुछ शिष्यों ने जवाब
दिया कि रास्ते में नुकीले पत्थर थे जिन्हें हम चुनकर जेब में रखते जा रहे थे ताकि पीछे आने
वालों को पीड़ा न हो। गुरूजी ने उन सभी शिष्यों को बुलाया जिन्होंने नुकीले पत्थर चुने थे
और कहा जिन्हें तुम पत्थर समझ रहे हो, वे वास्तव में बहुमूल्य हीरे हैं, जिन्हें मैंने सुरंग में
डाला था। ये हीरे तुम सबका उपहार है क्योंकि तुमने दूसरों की पीड़ा को समझा।
यह दौड़ जिंदगी की सच्चाई को बताती है कि सच्चा विजेता वही है जो इस दौड़ती दुनिया में
दूसरों का भला करते हुए आगे बढ़ता है।
1.गुरुजी ने शिष्यों को क्यों बुलाया था?
2. गुरुजी ने शिष्यों को क्या उपहार दिया?
3.यह दौड़ जिंदगी की कौनसी सच्चाई बताती है?
4 इस गद्य खंड को उचित शीर्षक दीजिए।
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phela up did krna chate the
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