Hindi, asked by nehaly, 11 months ago

प्र.6 भारत की तरह तिब्बत में भी । पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए, की प्रथा है' अतिथि देवो भव'
प्र.6 भारत की तरह तिब्बत में भी पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए, की प्रथा है' अतिथि देवो भव'​

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Answered by bhatiamona
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Answer:

अतिथि देवो भवः

अतिथि देवो भवः का अर्थ होता जब भी हमारे घर या देश में कोई बहार से आता हमें उसका सम्मान और आदर करना चाहिए | अतिथि को हम मेहमान कहते है , और मेहमान भगवान के समान होता है | हमें मेहमानों के साथ अच्छे से व्यवहार करना चाहिए और उनकी सहायता करनी चाहिए | यह हमारे संस्कार बताते है की सब की इज्ज़त ,आदर-सत्कार , और विनम्रता से पेश आना चाहिए |  यह भारतीय समाज का एक अहम हिस्सा है। हमें उसके साथ  कभी भी गलत तरीके से पेश नहीं आना चाहिए | अतिथि को हमें  खान पान का ध्यान रखना चाहिए  और उनके रहने की उचित व्यवस्था करनी चाहिए । भारतीय संस्कृति में अतिथि का दर्जा पूजनीय है और वह देवों के समान है।

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