प्र.6
किसी सदिश के वियोजन से क्या तात्पर्य है?
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सदिश का वियोजन : यह सदिशों को जोड़ने की विपरीत क्रिया है| "किसी सदिश को दो या दो से अधिक ऐसे सदिशों में वियोजित करना जिनका परिणामी दिए हुए सदिश के तुल्य होता है, सदिश वियोजन कहलाता है| "वियोजित सदिश दिए हुए सदिश के अवयव कहलाते है| यदि दिए गए सदिश के अवयव परस्पर लंबवत होते है, तो वे समकोणिक घटक कहलाते चित्रानुसार
एक सदिश को दो परस्पर लंबवत घटकों में वियोजित करना है| इसके लिए मूल बिंदु O से दो परस्पर लंबवत अक्ष OX तथा OY खींचते है| फिर सदिश
के शीर्ष B से OX तथा OY अक्षों पर लम्ब डालते है| माना ये लंबन इन अक्षों को क्रमश: A तथा C पर काटते है| अतः सदिश
, दिए गए सदिश
को क्षैतिज (X-दिशा) में घटक है तथा सदिश
, दिए गए सदिश का ऊधर्वाधर (Y-दिशा में) घटक है| इस प्रकार
माना X तथा Y अक्षों के अनुदिश एकांक सदिश
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