प्र.8. पाठ करूणा की विजय के माध्यम से आपने जाना कि बाल- मजदूरी समाज के लिए एक अभिशाप है- एक विद्यार्थी होने के नाते इस कुप्रथा के निवारण के लिए आप अपना योगदान किस तरह से दे सकते है ?
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Answer:
बाल श्रम रोकना केवल श्रम विभाग का ही कार्य नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज का दायित्व भी है। इसे सिर्फ जनजागरण और जागरूकता के जरिए ही रोका जा सकता है। उन्होंने इसके लिए स्कूली बच्चों के, श्रम विभाग, समाज कल्याण विभाग सहित इस कार्य में लगे एनजीओ को रैलियों और गोष्ठियों के जरिए जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है।
Explanation:
बाल मजदूरी एक ऐसा कड़वा सच है। जिस से भारत नहीं पूरी दुनिया ग्रस्त है । पूरे दुनिया के अनेक देशों में यह पाया जाती है यह बात अनेक सर्वेक्षण में पायी गई है।
कृषि में बाल मजदूरी सबसे ज्यादा देखी गयी है। कृषि के अलावा भी कारखानों,भट्टी में बाल मजदूरों के रुप में बच्चों को काम करते हुए देखा जा सकता है। जो स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत खतरनाक है। भारत का संविधान बच्चों को वो सभी हक़ देता है जो की एक आम नागरिक को हैं।
तो फिर क्यों वो बच्चे खेलना,पढ़ना, छोड़ कर काम करने को विवश हैं। जिन हाथों में कलम पकड़ना था, वो क्यों कुदाल पकड़े हैं। उनके आँखों में पनपते सपनो को तोड़ने का जिम्मेदार कौन है। हमें यह समझना होगा क्यूँकि बच्चे देश का भविष्य ही नहीं वर्तमान भी है।