प्र.8. सुंता (सुमति) से रहने से क्या लाभ होता है?
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Answer:
पुरूषों का खतना उनके शिश्न की अग्र-त्वचा(खाल) को पूरी तरह या आंशिक रूप से हटा देने की प्रक्रिया है।[1] “खतना (circumcision)" लैटिन भाषा का शब्द है circum (अर्थात “आस-पास”) और cædere (अर्थात “काटना”). खतने के प्रारंभिक चित्रण गुफा चित्रों और प्राचीन मिस्र की कब्रों में मिलते हैं, हालांकि कुछ चित्रों की व्याख्या स्पष्ट नहीं है।[2][3][4] यहूदी संप्रदाय में पुरूषों का धार्मिक खतना ईश्वर का आदेश माना जाता है।[5] इस्लाम में, हालांकि क़ुरान में इसकी चर्चा नहीं की गई है, लेकिन यह व्यापक रूप से प्रचलित है और अक्सर इसे सुन्नाह (sunnah) कहा जाता है।[6] यह अफ्रीका में कुछ ईसाई चर्चों में भी प्रचलित है, जिनमें कुछ ओरिएण्टल ऑर्थोडॉक्स चर्च भी शामिल हैं।[7]विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) (डब्ल्यूएचओ) (WHO) के अनुसार, वैश्विक आकलन यह सूचित करते हैं कि 30% पुरूषों का खतना हुआ है, जिनमें से 68% मुसलमान हैं।[8] खतने का प्रचलन अधिकांशतः धार्मिक संबंध और कभी-कभी संस्कृति, के साथ बदलता है। अधिकांशतः खतना सांस्कृतिक या धार्मिक कारणों से किशोरावस्था में किया जाता है;[9] कुछ देशों में इसे शैशवावस्था में किया जाना ज्यादा आम है।[8]
Explanation:
सुंता मुस्लिम धर्मातील एक विधी आहे. यात लहान मुलांच्या शिश्नावरील त्वचा (फोरस्किन) कापली जाते