Hindi, asked by arjunarjun18079, 2 months ago

प्र.9. 'मोम के बंधन सजीले से कवियित्री का क्या आशय है?


Answers

Answered by shishir303
1

मोम के बंधन से सजीले से कवि का आशय सांसारिक बंधनों और आकर्षण से है।

व्याख्या ⦂

✎... कवयित्री ने मोम के बंधन सांसारिक मोह-माया, सांसारिक भोग-विलास, विषय-वासना तथा साधना के मार्ग में आने वाली बाधाओं को कहा है।

कवयित्री महादेवी वर्मा अपनी कविता ‘जीवन दर्शन’ के माध्यम से कहते हैं कि...

बांध लेंगे क्या तुझे यह, मोम के बंधन सजीले

पद की बाधा बनेंगे तितलियों के पर रंगीले

अर्थात हे मानव! क्या यह मोम के बंधन सजीले अर्थात सांसारिक मोह-माया, विषय-वासना, भोग-विलास के बंधन तुझे अपने जाल में बांध लेंगे। क्या रंग-बिरंगी तितलियों के पंख रूपी ये सांसारिक सुखों का आकर्षण तुम्हारे कर्तव्य पथ की राह की रुकावट बनेेंगे?

◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌

Similar questions