Hindi, asked by suraiyaramjan3, 1 month ago

प्र.२अ) निम्नलिखित पद्यांश पढकर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
गुरु कुमहार सिष कुंभ है, गढगढ कादै खोट
अंतर हाथ सहार दै, बाहर बाहै चोट ।।
जाको राखे साइयाँ, मारि न सक्कै कोय।
बाल न बाँका करि सकै, जो जग बैरी होय ।।
नैनों अंतर आव तूं नैन झाँपि तोहिं लेवें।
ना मैं देखौं और को, ना तोहि देखन देव॑ ।।
लाली मेरे लाल की, जित देखों तित लाल।
लाली देखन मैं गई, मैं भी हो गई लाल ।।
१) आकृति पूर्ण कीजिए।
१) साइयाँ कहा गया है -
२) पद्यांश में प्रयुक्त मुहावरा
३) कबीर अपने प्रभु को रखना चाहते है यहाँ​

Answers

Answered by omkarsakhare4579
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Answer:

१) जग

२) जाको राखै साइयॉं , मारि न सक्कै कोय |

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