Hindi, asked by shivani14jchaudhary0, 2 months ago

प्रो. अद्वभरािरािेन्द्र द्वमश्र कृ त ‘शतपद्वविका कथाद्वनका’ में वद्वणित सामाद्विक स्थथद्वत का वणिन कीद्विए।

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Answered by yogitataral
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Answer:

ज्ञानमार्ग का अनुसरण करने वाले संकीर्ण सिद्धांत की तरह केवल अक्षर पुरुष के साथ एक हो जाना ही नहीं, अपितु समग्र सत्ता के योग द्वारा जीव का पुरुषोत्तम के साथ एक हो जाना गीता की संपूर्ण शिक्षा है। यही कारण है कि ज्ञान औार कर्म का समन्वय साधने के पश्चात् गीता ने कर्म और ज्ञान से युक्त प्रेम और भक्ति की भावना का विकास करके बतलाया है कि जिस मार्ग के द्वारा उत्तम रहस्य तक पहुँचा जा सकता है उसकी सर्वोच्च भूमि यही है।

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