पूरी बात तो अब पता नहीं, लेकिन लगता है कि देश के अच्छे मूर्तिकारों की जानकारी नहीं होने और अच्छी मूर्ति की
लागत अनुमान और उपलब्ध बजट से कहीं बहुत ज्यादा होने के कारण काफी समय ऊहापोह और चिट्ठी-पत्री में बरबाद हुआ
7. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर उसपर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।
होगा और बोर्ड की शासनावधि समाप्त होने को पालयों में किसी स्थानीय कलाकार में ही अवसर देने का निर्णय किया गया होगा,
और अंत में कस्बे के इकलौते हाई स्कूल के इकलौत ड्राइंग मास्टर मान लीजिए मोतीलाल जी–को ही काम सौंप दिया गया
होगा, जो महीने भर में मूर्ति बनाकर पटक देने का विश्वास दिला रहे थे ।
क) मोतीलाल जी कौन थे? उन्हें क्या काम सौंपा गया?
ख) नगरपालिका का समय क्यों बर्बाद हो रहा था ?
ग) मूर्ति बनाकर पटक देने से क्या अभिप्राय है ?
8
Answers
Answered by
1
गद्यांश के आधार पर प्रश्नों के उत्तर निम्नलिखित हैं।
•( क) मोतीलाल जी इकलौते हाई स्कूल के इकलौते ड्राइंग मास्टर थे।उन्हें महीने भर में मूर्तियां तैयार कराने का कार्य सौंपा गया था ।
•(ख) देश के अच्छे मूर्तिकारों की जानकारी ना होने,
लागत , अनुमान तथा उपलब्ध बजट से कहीं अधिक लग रही थी , इसी उहा पोह चिट्ठी पत्री में नगरपालिका का बहुत समय नष्ट हुआ।
•(ग) मूर्ति बनाकर पटक देने से यहां तात्पर्य है कि जैसे तैसे बिना किसी रुचि के समय पर कार्य पूरा करना।
Similar questions