Hindi, asked by mubashshirafatma098, 1 month ago

पूरी बात तो नहीं पता नहीं, लेकिन लगता है कि देश के अच्छे मूर्तिकारों की जानकारी नहीं होने और अच्छी मूर्ति की लागत अनुमान और उपलब्ध बजट से कहीं ज्यादा होने के कारण काफी समय ऊहापोह और चिट्ठी पत्रों में बरबाद हुआ होगा और बोर्ड की शासनवधि समाप्त होने की घड़ियों में किसी स्थानीय कलाकार को ही अवसर देने का निर्णय किया होगा और अंत में कस्बे के इकलौते ड्राइंग मास्टर मान लीजिए मोतीलालजी को ही यह काम सौंप दिया होगा, जो महीने भर में मूर्ति बनाकर पटक देने का विश्वास दिला रहे थे। 1. पूरी बात तो पता नहीं यह बात किस प्रसंग से जुड़ी है? क. सड़क बनवाने के प्रसंग से ख, कवि सम्मेलन करवाने के प्रसंग से घ. हालदार साहब के काम पर जाने के प्रसंग ग. नेताजी की मूर्ति बनवाने के प्रसंग से 2. बोर्ड ने अंतिम समय में कार्य किसे सौंपने का निर्णय लिया ? क. विदेशी कलाकार को ख. आसपास के कलाकार को च. राज्य के सर्वाधिक पारिश्रमिक लेने वाले कलाकार को ख. सुप्रसिद्ध कलाकर घ. नगर पालिका अधिकारी ग. देश के सुप्रसिद्ध कलाकार को 3. मोतीलाल कौन थे ? क. प्रसिद्ध नेता ग. चित्रकला अध्यापक 'पटक देने का अर्थ निम्नलिखित में से क्या है? क जमीन पर गिरा देना ग. जल्दी से काम पूरा कर देना ख मिट्टी में मिला देना घ बना काम बिगाड देना 5. गद्यांश में भारतीय सरकारी कार्यालयों के किस क्रिया कलाप की झलक मिलती क. समय से पहले काम पूरा करने की ख. निश्चित धनराशि से कम में ही काम पूरा कर ग. पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी से काम करने की लेने की घ. लिखा पढ़ी के कारण समय पर काम पूरा न हो पाने की|​

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Answered by bhawanishankar251020
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Answer:

1. neta ji ki murti banwane k prasang se. 2.aaspas k kalakar ko. 3.chitrkala adhyaapak. 4.jldi se kam pura kr dena 5. likha padhi k karan samay pr kam pura na ho pane ki

Answered by ramkrishnachidar2
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Explanation:

पूरी बात तो अब तक पता नहीं का विश्वास दिला रहे हैं थे

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