History, asked by divyanshumaurya84542, 7 months ago

प्राचीन ग्रंथों के ज्ञान ने सुधारकों को नए कानून को आगे बढ़ाने में कैसे सहायता की? ​

Answers

Answered by kuhu238351
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Answer:

राजा राममोहन रॉय जैसे सुधारक जो संस्कृत, फ़ारसी तथा अन्य कई भारतीय एवं यूरोपीय भाषाओं के अच्छे ज्ञाता थे। उन्होंने अपने लेखन के ज़रिए यह सिद्ध करने का प्रयास किया कि प्राचीन ग्रंथो में विधवाओं को जलाने की अनुमति कही नहीं दी गयी है।

Answered by poonammishra148218
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Answer:

इन ग्रंथों का प्रयोग भारतीय समाज के विभिन्न आयामों के उत्थान और विकास में किया जाता रहा है।

Explanation:

प्राचीन ग्रंथों ने सुधारकों को नए कानूनों को आगे बढ़ाने में विभिन्न तरीकों से सहायता की। भारतीय धर्मशास्त्रों जैसे मनुस्मृति, याज्ञवल्क्य स्मृति और विष्णु स्मृति ने समाज को नए कानूनों और नीतियों के संदर्भ में निर्देश दिए। इन ग्रंथों के माध्यम से, सुधारक नए समाजी व्यवस्थाओं की स्थापना करने के लिए नीतियों का आधार बना सकते थे।

इसके अलावा, धर्मशास्त्रों ने व्यावसायिक नीतियों, संपत्ति के वितरण से संबंधित नीतियों, शिक्षा के नीतियों और जनता के लिए कई अन्य नीतियों के विवरण भी प्रदान किए।

राजा राममोहन रॉय जैसे सुधारक जो संस्कृत, फ़ारसी तथा अन्य कई भारतीय एवं यूरोपीय भाषाओं के अच्छे ज्ञाता थे। उन्होंने अपने लेखन के ज़रिए यह सिद्ध करने का प्रयास किया कि प्राचीन ग्रंथो में विधवाओं को जलाने की अनुमति कही नहीं दी गयी है।

इस तरह, प्राचीन ग्रंथों ने सुधारकों को नए कानूनों और नीतियों के विषय में संदेह नहीं करने के लिए एक मार्गदर्शन प्रदान किया था। इन ग्रंथों का प्रयोग भारतीय समाज के विभिन्न आयामों के उत्थान और विकास में किया जाता रहा है।

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