Hindi, asked by aayushi3793, 7 hours ago

प्राचीन काल की पढ़ाई और वर्तमान काल की पढ़ाई में क्या समानता और अंतर

Answers

Answered by shishir303
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प्राचीन काल की पढ़ाई और वर्तमान पढ़ाई में कुछ समानता है, तो कुछ अंतर आ गया है।

प्राचीन काल की पढ़ाई गुरुकुल केंद्रित होती थी। प्राचीन काल की पढ़ाई में व्यवहारिक ज्ञान को महत्व दिया जाता था। गुरु एवं शिष्य का संबंध बेहद महत्वपूर्ण होता था। प्राचीन काल की शिक्षा पद्धति में विद्यार्थी को गुरुकुल में रहना पड़ता था, जहाँ उसे कड़े नियमों का पालन करना पड़ता था। प्राचीन काल की पढ़ाई ज्ञान केंद्र थी अर्थात जब तक विद्यार्थी पूरी तरह ज्ञान को प्राप्त नहीं कर लेता तब तक उसकी शिक्षा पूर्ण नहीं मानी जाती थी। प्राचीन काल की पढ़ाई व्यवसायिक नहीं थी। शिष्य अपनी सामर्थ्य के अनुसार गुरु को जो दक्षिणा देता वही उचित थी।

आज के वर्तमान समय की पढ़ाई बेहद बदल चुकी है। आज की पढ़ाई तंत्र विद्या और परीक्षा केंद्र हो गई है। विद्यार्थियों का उद्देश्य केवल परीक्षा उत्तीर्ण करना रह गया है, चाहे उन्हें उस अपने विषय की समझ हो या ना हो। आज वर्तमान समय की पढ़ाई में व्यवहारिक ज्ञान पूरी तरह लुप्त हो चुका है और पूरा ज्ञान किताबों पर केंद्रित हो गया है। आजकल की पढ़ाई तनाव युक्त अधिक है, विद्यार्थियों पर पढ़ाई का अनावश्यक बोझ है। वर्तमान समय की पढ़ाई में व्यवहारिक ज्ञान का भी अभाव है। वर्तमान समय की पढ़ाई व्यवसायिक रूप धारण कर चुकी है।

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Answered by yashshrivastava51
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Answer:

Explanation:

प्राचीन काल की पढ़ाई गुरुकुल केंद्रित होती थी। प्राचीन काल की पढ़ाई में व्यवहारिक ज्ञान को महत्व दिया जाता था। गुरु एवं शिष्य का संबंध बेहद महत्वपूर्ण होता था। प्राचीन काल की शिक्षा पद्धति में विद्यार्थी को गुरुकुल में रहना पड़ता था, जहाँ उसे कड़े नियमों का पालन करना पड़ता था। प्राचीन काल की पढ़ाई ज्ञान केंद्र थी अर्थात जब तक विद्यार्थी पूरी तरह ज्ञान को प्राप्त नहीं कर लेता तब तक उसकी शिक्षा पूर्ण नहीं मानी जाती थी। प्राचीन काल की पढ़ाई व्यवसायिक नहीं थी। शिष्य अपनी सामर्थ्य के अनुसार गुरु को जो दक्षिणा देता वही उचित थी।

आज के वर्तमान समय की पढ़ाई बेहद बदल चुकी है। आज की पढ़ाई तंत्र विद्या और परीक्षा केंद्र हो गई है। विद्यार्थियों का उद्देश्य केवल परीक्षा उत्तीर्ण करना रह गया है, चाहे उन्हें उस अपने विषय की समझ हो या ना हो। आज वर्तमान समय की पढ़ाई में व्यवहारिक ज्ञान पूरी तरह लुप्त हो चुका है और पूरा ज्ञान किताबों पर केंद्रित हो गया है। आजकल की पढ़ाई तनाव युक्त अधिक है, विद्यार्थियों पर पढ़ाई का अनावश्यक बोझ है। वर्तमान समय की पढ़ाई में व्यवहारिक ज्ञान का भी अभाव है। वर्तमान समय की पढ़ाई व्यवसायिक रूप धारण कर चुकी है।

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