Hindi, asked by reena3837, 10 months ago

प्राचीन काल से ही भारतीय नारी पराश्रित रही है। वह बचपन में पिता के आश्रय में थी । विवाह हुआ, तो पति की।
आश्रित रही तथा बुढ़ापे में पुत्र की आश्रित बनी । उसकी स्थिति हर रूप में पराधीन रही । उसकी इस दीन-हीन दशा का ।
कारण घर की संपत्ति पर उसका अधिकार न होना था । धन पुरुष कमाता था, अत: उस पर अधिकार भी पुरुष का ही था।
आधुनिक काल में नारी की स्थिति में परिवर्तन हुआ । नारी घर से बाहर निकली । आज वह सभी क्षेत्रों में नौकरी कर रही है।
अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत बना रही है। इससे नारी को कुछ स्वतंत्रता तो मिली; परंतु उसकी स्थिति और ।
भी दयनीय हो गई । अब उसे घर और बाहर दो जगह काम करना पड़ता है। जो नारियाँ दोनों जिम्मेदारियों को ठीक से नहीं |
निभा पातीं, उनके घरों में रात-दिन कलह रहती है।
उपर्युक्त गद्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
1. प्रस्तुत गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।​

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Answered by vaishnavi92456
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muze lagta hai ki is padyaunsh ko NARI ye shirshak uchit hoga

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