Hindi, asked by smairaasharma, 5 hours ago

"प्राचीन कहावत है कि जो पुरुषार्थी है, साहसी है, जिसमें धैर्य है, जो समय का सदुपयोग करना जानता है,
जो अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कठोर से कठोर परिश्रम करने को सदैव तत्पर रहता है। सफलता उसी
की दासी होती है तथा उसी के गले में जयमाला पहनाती है।"
(क) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
(ख) मनुष्य का यह अद्भुत साहस क्या उसके भाग्य का प्रतिफल है ?
(ग) गद्यांश का एक-तिहाई सार लिखिए।​

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Answered by oyetadeayomide01
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please can you rewrite in English?

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