प्राचीन समय के मौसम तथा वनस्पतियों के इतिहास के बारे कोई
Answers
Answer:
ham bimar nhi paste the
Answer:
प्राचीन समय का मौसम और खान पान
Explanation:
प्राचीन समय का मौसम सामान रूप से चलता
था।लेकिन अब मौसम बिगड़ गया है क्यूंकि अब ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याएं आ गई हैं।लेकिन पहले ऐसा नहीं था।तब गर्मी के समय गर्मी और सर्दी के समय सर्दी ऐसी ही चलता था।जब मॉनसून भी अपने समय प ही होता था।लेकिन अब मैडम बिगड़ गया है।गर्मियां लंबे समय तक चलती है और बोहोत ज़्यादा गर्मी पड़ती है।उसी तरह सर्दियां भी ज़्यादा दिन होती है और बोहोत ज़्यादा ठंड पड़ती है।मॉनसून तो कभी होता है और कभी बारिश होती ही भी है पूरे पूरे साल।
पुराने समय में आदि मानव केवल कच्चे फल और कच्ची सब्जियों खाते थे।बाद में जब आग का आविष्कार करने के बाद ही मनुष्य ने खाना बनाने के नए तरीकों ढूंदे।
उत्तम, सात्विक और स्वादिष्ट खाने के बजाए आजकल फास्ट फूड, जंक फूड और कोल्ड ड्रिंक की ओर रुझान बढ़ गया है। भोजन से केवल भूख ही शांत नहीं होती बल्कि इसका प्रभाव तन, मन एवं मस्तिष्क पर पड़ता है। 'जैसा खाओ अन्न वैसा बने मन'। आहार का चयन करना जरूरी है। आप क्या खा रहे और क्या पी रहे हैं इस पर जरूर ध्यान दें। शरीर को क्षरण से बचाना है तो आहार में फल, फलों का रस, दही, शहद, लहसुन, अखरोट, गाय का दूध, गाय का घी और अंजीर सहित सभी सूखे मेवे का नियमित इस्तेमाल करें।
इसके अलावा सप्ताह में एक दिन उपवास जरूर करना चाहिए। उपवास से शरीर शुद्ध और निर्मल बनता है। उपवास के दौरान संतरे, नींबू और मौसंबी का रस ही पीना चाहिए। इस दौरा कुछ भी खाना नहीं चाहिए। यूनिवर्सिटी कालेज लंदन स्थित इंस्टिट्यूट औफ हैल्थ ऐजिंग के बुढ़ापे से निबटने के मकसद से आनुवंशिकी और लाइफस्टाइल फैक्टरों का अध्ययन कर रहे वैज्ञानिक भी उपवास के महत्व को मानते हैं