प्राचीनकाल में तक्षशिला और नालंदा की प्रसिद्धि के क्या कारण थे?
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¿ प्राचीनकाल में तक्षशिला और नालंदा की प्रसिद्धि के क्या कारण थे ?
✎... प्राचीन काल में तक्षशिला और नालंदा विश्वविद्यालय की प्रसिद्धि के कारण यह थे, क्योंकि प्राचीन काल में तक्षशिला और नालंदा विश्व स्तर के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय थे।
नालंदा विश्वविद्यालय प्राचीन भारत में उच्च शिक्षा का एक महत्वपूर्ण केंद्र था। जहाँ पर दूर-दूर से विद्यार्थी पढ़ने आते थे। यह विश्वविद्यालय बिहार के नालंदा जिले में स्थित था।इस विश्वविद्यालय का वर्णन चीनी यात्री ह्वेनसांग ने 7वीं शताब्दी के अपने दौरे में भी किया है। इस विश्वविद्यालय की स्थापना गुप्त काल के सम्राट कुमारगुप्त प्रथम ने ईस्वी पूर्व 415 से 454 ईस्वी पूर्व में की थी। इस विश्वविद्यालय को इस्लामी आक्रमणकारियों ने 14वीं शताब्दी में नष्ट कर दिया।
उसी तरह तक्षशिला विश्वविद्यालय प्राचीन भारत के पश्चिमी भाग में स्थित विद्यालय था। यह स्थान अब पाकिस्तान में स्थित है। इस विद्यालय की स्थापना भी ईसा से 600 वर्ष पूर्व मानी जाती है। यहां पर प्रसिद्ध बौद्ध स्तूप, मठ आदि थे। यहां पर भी दूर-दूर से विद्यार्थी पढ़ने आते थे।
यह दोनों विश्वविद्यालय अपने इन्हीं महत्व के के कारण प्रसिद्ध हैं, क्योंकि यह प्राचीन भारत के एक ऐसे शिक्षा के केंद्र थे, वैसे उस समय पूरे विश्व में नही है।
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