प्रोजेक्ट बनाइए जीरो की खोज मैथ क्लास नाइंथ
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इस सवाल का जवाब जानने से पहले हम आपको बता देते है की कथित तौर पर शून्य की खोज का श्रेय आर्यभट्ट जी को जाता है ||
आर्यभट्ट एक महान गणितज्ञ और खगोलविद थे || जिनका जन्म पाटलीपुत्र मे हुआ था जिसे आज हम पटना के नाम से भी जानते है || लेकिन बहुत से मतो के अनुसार उनका जन्म दक्षिण भारत [ केरल ] मे भी माना जाता है || लेकिन यह सही मायने मे कह पाना की आर्यभट्ट यहा जन्मे थे तो यह एक मुश्किल बात है क्योकि आर्यभट्ट के जन्मस्थान को लेकर बहुत सारे विवाद है ||
आर्यभट्ट एक महान गणितज्ञ थे || और इन्होने ही गणनाओ को एक विशेष चिन्ह द्वारा लिखने की शुरुवात की थी || उनसे पहले किसी भी लेख मे गणनाओ को शब्दो मे लिखा जाता था || Ex - एक दो तीन गयारा पंद्रा बीस आदि || पर आर्यभट्ट ने गणनाओ को आधुनिक नम्बर सिस्टम मे लिखना शुरू किया || Ex - 1 2 3 11 20 15 ||
अब हम अपने सवाल पर वापस आते है अगर शून्य का आविष्कार 5वी सदी मे आर्यभट्ट जी ने किया तो फिर हजारो साल पहले रावण के 10 सिर बिना शून्य के कैसे गिने गए | बिना शून्य के कैसे पता लगा कि कौरव 100 थे || कृपा करके यदि जवाब पता हो तो बताए ||