Chemistry, asked by mantugop90, 9 hours ago

प्रिज्म का संक्षिप्त वर्णन करें​

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Answered by nandinisalve2003
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Answer:

प्रिज्म तथा प्रिज्म द्वारा अपवर्तन , परिभाषा क्या है , सूत्र : वह आकृति जो दो समांगी माध्यम से अपवर्तक सतहों से किसी कोण पर झुके हो प्रिज्म कहलाती है।

1st diagram

यहाँ पृष्ठ AB तथा AC को अपवर्तक पृष्ठ कहते है।

पृष्ठ BC को आधार कहते है।

∠A को प्रिज्म कोण या अपवर्तक कोण कहते हैं।

प्रिज्म में अपवर्तन (refraction in prism)

2nd diagram

माना चित्रानुसार किसी प्रिज्म ABC में पृष्ठ AB पर कोई प्रकाश किरण RQ आपतित होती है तथा अपवर्तन के बाद ST किरण के रूप में प्रिज्म से बाहर निकल जाती है।

यहाँ RQ किरण प्रिज्म पर i कोण से आपतित होती है , पृष्ठ AB से यह किरण r1 कोण से अपवर्तित होकर मुड़ जाती है।

फिर यह किरण प्रिज्म के AC पृष्ठ पर r2 कोण पर आपतित होती है तथा AC पृष्ठ से यह e कोण से अपवर्तित होकर ST के रूप में बाहर निकल जाती है।

अतः पृष्ठ AB पर या पहली फलक पर

आपतन कोण = i

अपवर्तन कोण = r1

पृष्ठ AC पर या दूसरी फलक पर

आपतन कोण = r2

अपवर्तन कोण = e

यहाँ सम्पूर्ण रूप से आपतित किरण RQ तथा अपवर्तित किरण ST के मध्य कोण D है इसे विचलन कोण कहते है।

त्रिभुज के नियम से त्रिभुज △QFS में

∠KFS = ∠FQS + ∠FSQ

D = (i – r1) + (e – r2)

हल करने पर

D = i + e – (r1 + r2)

त्रिभुज △QS1N3 में

r1

+ r2 + ∠QN3S = 180

A + ∠QN3S = 180

ऊपर की दोनों समीकरणों से

A  = r1 + r2

ऊपर D वाली समीकरण में (r1 + r2) का मान रखने पर हमें प्राप्त होता है

D = i + e – (A)

यहाँ D विचलन कोण (deviation angle) है तथा A आपतन कोण है।  समीकरण से स्पष्ट है की विचलन कोण का मान आपतन कोण के मान पर निर्भर करता हैं।

आपतन कोण का वह मान जिस पर विचलन न्यूनतम हो जाता है न्यूनतम विचलन कोण कहलाता है।

न्यूनतम विचलन की स्थिति तभी प्राप्त होती है जब आपतन कोण i तथा निर्गत कोण e का मान बराबर हो।

अतः न्यूनतम विचलन की स्थिति में i = r

r1 = r2  = A/2

हम ऊपर ज्ञात कर चुके है

D = i + e – (A)

यहाँ न्यूनतम विचलन के लिए i = r रखने पर

D = 2i – A

अतः

i = (D + A )/2

अतः हमने ज्ञात किया r = A /2 तथा i  = (D + A )/2

स्नेल के नियम से

n = sin i /sin r

इसमें आपतन कोण i तथा अपवर्तन कोण r का मान रखने पर

3rd diagram

यहाँ n प्रिज्म का अपवर्तनांक है , अतः यदि किसी प्रिज्म के लिए आपतन कोण i , अपवर्तन कोण r तथा विचलन कोण का मान D दिया गया हो तो हम उस प्रिज्म का अपवर्तनांक का मान ज्ञात कर सकते है की वह किस पदार्थ से बना है अर्थात उस पदार्थ का अपवर्तनांक का मान कितना है जिससे प्रिज्म बना हुआ हैं।

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