प्र.१)कारक की परिभाषा उदाहरण सहित लिखो।
प्र.२) कारक के कितने भेद होते हैं? सभी के नाम उनके चिन्हों सहित लिखो ।
प्र.३) निम्नलिखित वाक्यों में कारक चिन्ह को रेखांकित कर उनके भेद के नाम लिखिए
क) छत पर कपड़े सूख रहे हैं ।
ख) पेड़ से पत्ते गिर रहे हैं। ग) मयंक ने साइकिल चलाई ।
घ) अध्यापक छात्रों को पढ़ाते हैं ।
ङ) वाह ! तुमने कमाल कर दिया ।
च) छात्र पढ़ने के लिए विद्यालय जाते हैं।
छ) श्रवण सागर का भाई है ।
Answers
Answer:
1.कर्ता प्रथमा -- कार्य का करनेवाला र
2. कर्म द्वितीया -- कार्य जिसपर हो
3. करण -- जिससे, जिसका माध्यम से
4. संप्रदान -- जिसको, जिसके लिए
5. अपादान -- जिस स्थान से
6. संबंध -- जिसका
7. अधिकरण -- स्थानसूचक
8. संबोधन -- पुकारने के लिए
हिन्दी में इनके अर्थ स्मरण करने के लिए इस पद की रचना की गई हैं-
कर्ता ने अरु कर्म को, करण रीति से जान।
संप्रदान को, के लिए, अपादान से मान।।
का, के, की, संबंध हैं, अधिकरणादिक में मान।
रे ! हे ! हो ! संबोधन, मित्र धरहु यह ध्यान।।
रूपविज्ञान के सन्दर्भ में, किसी वाक्य, मुहावरा या वाक्यांश में संज्ञा या सर्वनाम का क्रिया के साथ उनके सम्बन्ध के अनुसार रूप बदलना कारक कहलाता है। अर्थात् व्याकरण में संज्ञा या सर्वनाम शब्द की वह अवस्था जिसके द्वारा वाक्य में उसका क्रिया के साथ संबंध प्रकट होता है उसे कारक कहते हैं। संज्ञा या सर्वनाम का क्रिया से सम्बन्ध जिस रूप से जाना जाता है, उसे कारक कहते हैं। कारक यह इंगित करता है कि वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम का काम क्या है। कारक कई रूपों में देखने को मिलता है।
कुछ भाषाओं में संज्ञा और सर्वनाम के अतिरिक्त विशेषण और क्रियाविशेषण (ऐडवर्ब) में भी विकार आते हैं। जैसे -'शीतलेन जलेन' (संस्कृत) में 'शीतलेन' विशेषण है।
विभिन्न भाषाओं में कारकों की संख्या तथा कारक के अनुसार शब्द का रूप-परिवर्तन भिन्न-भिन्न होता है। संस्कृत तथा अन्य प्राचीन भारतीय भाषाओं में आठ कारक होते हैं। जर्मन भाषा में चार कारक हैं।
Answer:
उत्तर एक संज्ञा व सर्वनाम के जिस रुप से उसका संबंध वाक्य के अन्य शब्दों के साथ प्रकट होता है उसे कार्य कहते हैं। उदाहरण ने ,को, से आदि।
2 कारक के आठ भेद होते हैं कर्ता कारक कर्म कारक करण कारक संप्रदान कारक अपादान कारक संबंध कारक अधिकरण कारक संबोधन कारक कर्ता कारक का चिन्ह ने होता है, कर्म कारक का चिन्ह को होता है, करण कारक का चिन्ह से होता है, संप्रदान कारक का चिन्ह के लिए होता है, अपादान कारक का चिन्ह से होता है, संबंध कारक का चिन्ह का के ,की ,रा, रे ,री होता है, अधिकरण कारक का चिन्ह में ,पर होता है, संबोधन कारक का चिन्ह अरे होता है ।
3 क) पर =अधिकरण कारक
ख) से - अपादान कारक
ग) ने - कर्ता कारक
घ) को - कर्म कारक
ड ) वाह ! - संबोधन कारक
च) के लिए - संप्रदान कारक
छ)का - सम्बन्ध कारक
Explanation:
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