प्राकृतिक आपदाओं के लिए मनष्य ही जिम्मेदार है। इस विषय पर अपने विचार व्यक्त कोविय।
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Answer:नेपाल उत्तरी भारत में आए जोरदार भूकंप में हजारों लोग मारे गए हैं। लोग समझते हैं कि यह एक कुदरती आपदा है, लेकिन इसके साथ-साथ मानव भी इसके लिए जिम्मेदार है। मानव ने अपने विकास तथा भौतिक जरूरतों को पूरा करने के लिए पृथ्वी पर कई तरह के बदलाव किए हैं। यह चीजें कुदरत की कीमत पर हासिल नहीं की जा सकतीं। मनुष्य अपनी सफलता के लिए पेड़ काट रहा है, धरती पर बड़ी-बड़ी औद्योगिक फैक्ट्रियां लगा रहा है, जिस कारण जमीन का नुकसान हो रहा है। ग्लोबल वार्मिंग भी बढ़ रही है। इस कुदरती आपदा को देखकर इंसान को यह सोचना चाहिए कि इन आपदाओं को कम किया जा सकता है।डा. राजेश्वर सिंह ने कहा कि जब कुदरती हालातों के साथ छेड़छाड़ की जाती है तो भूकंप, बाढ़ आदि के रूप में आपदाएं सामने आती हैं। इसलिए मनुष्य को कभी भी कुदरती स्त्रोतों से छेड़खानी नहीं करनी चाहिए बल्कि अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाकर वातावरण को हरा-भरा बनाना चाहिए ताकि बाढ़ और तूफान की संभावना से बचा जा सके। बड़ी-बड़ी फैक्टिरयों के धुएं से प्रदूषित हो रहे वातावरण को स्वच्छ रखने का प्रयास करना चाहिए ताकि साफ वायु और आक्सीजन मिल सके। पृथ्वी को अपनी मन मरीज से नहीं ढाला जा सकता बल्कि इसकी रक्षा के प्रयास करने चाहिए। इसमें समूह स्टाफ सदस्य विद्यार्थी मौजूद रहे।
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